फासले ऐसे भी होंगे
फासले ऐसे भी होंगे कभी सोंचा न था,
सामने बैठा था मेरे और वो मेरा न था,
वो की खुसबू की तरह फैला था मेरे चार सु ,
मैं उसे महसूस कर सकता था छू सकता न था
फासले ऐसे भी होंगे कभी सोंचा न था,
सामने बैठा था मेरे और वो मेरा न था,
वो की खुसबू की तरह फैला था मेरे चार सु ,
मैं उसे महसूस कर सकता था छू सकता न था
कुछ तो हवा भी सर्द थी कुछ था तेरा ख्याल भी, दिल को ख़ुशी के साथ साथ था …
Great Poets and their Great Words मशहूर शायर मशहूर कलाम शीर्षक के अंतर्गत विभिन्न बेहतरीन शायर के कमाल …
अदीम हाशमी एक उर्दू के मशहूर शायर थे। आपका जन्म 1 अगस्त 1946 को भारत के फिरोजपुर में …
मुझ में मेरा अब कुछ न रह गया है, मेरा सब कुछ तेरा हो गया है, साँसे मेरी …
जब से तुम गए,
सारे सपने हमारे बेरंग हो गए,
पाना था हमें प्यार की मंजिल,
पर बिच सफर में तुम खो गए,
तुम्हारे लबों की जादूगरी हम आज जान पाएं हैं, ये बात किसी से न कहने की उनसे हम …
ग़ालिब की ग़ज़लें हैं और भी दुनिया में सुख़न-वर बहुत,कहते हैं ग़ालिब का अंदाज़-ेए-बयां और मिर्ज़ा ग़ालिब उर्दू …