फासले ऐसे भी होंगे
फासले ऐसे भी होंगे कभी सोंचा न था,
सामने बैठा था मेरे और वो मेरा न था,
वो की खुसबू की तरह फैला था मेरे चार सु ,
मैं उसे महसूस कर सकता था छू सकता न था
फासले ऐसे भी होंगे कभी सोंचा न था,
सामने बैठा था मेरे और वो मेरा न था,
वो की खुसबू की तरह फैला था मेरे चार सु ,
मैं उसे महसूस कर सकता था छू सकता न था
सुकून है बस तेरे ही पनाहों में, चाहे हो तेरी यादें या फिर तेरी बाहों में,, बिस्तर की …
क्यों ऐसी कोई बात होती है क्यों ऐसी कोई जज्बात होती है, होते जब तुम नहीं पास क्यों …
दूर हूँ तुझसे तेरे एहसास से नहीं, सुन नहीं सकती हूँ तेरी आवाज़ मैं, पर कैसे भूलूँ , …
आज हर शाम सूनी है, शहनाई बन कर बोलती है तन्हाई, फ़िज़ाओं के रंग सारे खो गए, रात …
दूर हूँ तुझसे
तेरे एहसास से नहीं,
सुन नहीं सकती हूँ तेरी आवाज़ मैं,
पर उसकी कैसे भूलूँ ,
वो सारी बातें,
वो महकती रातें..
प्यार करके तुझसे, हमने ये जाना है, बहुत मुश्किल अब तुम बिन ज़िंदा रह पाना है, मत करे …
निगाहें तक रही है किसी को, इंतज़ार में मैं और चाँद बैठे हैं, एक राह पर एक ही …