फासले ऐसे भी होंगे कभी सोंचा न था,
सामने बैठा था मेरे और वो पर मेरा न था,
वो खुशबु की तरह फैला था मेरे चार सु
मैं उसे महसूस कर सकता था पर छू सकता न था,
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रात भर पिछली सी आहट कान में आती रही,
झाँक कर देखा गली में कोई आया न था,
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मैं तेरी सूरत लिए सारे ज़माने में फिरा,
सारी दुनिया में मगर तेरे जैसा कोई न था,
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आज मिलने की ख़ुशी में सिर्फ मैं जागेगा नहीं,
तेरी आँखों से भी लगता है की तू सोया न था,
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Come fall in love
make shelter in someone's heart
this Valentine
&
Best Poetry on Love
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